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रूह बेचैन सी कोई रिश्तों में ..............

प्रीत का बंधन

मुक्तक - ज़माने बीत जाते है

नयी कसमे , नयी रस्में

बड़े हो बेवफा ........

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ठगा क्यूँ हमें आपने

प्रेम पथ

जागा हूँ रात भर मैं

भाई दूज - कलम पूजन

दीप की व्यथा